हम मिल ना पाएंगे कभी

उनका हाथ थामना, मेरे लिए उनके पुराने दर्दो को सिचना था, मेरा उनके अंदर डूबना उनको पाना नहीं बल्कि उनको समझने का एक प्रयास था, उनकी काली घटा हम पर बरसती थी, और हम उसमें रोज भीख सा जाते थे, वह मनोहरनी आंखें झुकती थी, हमारी तरफ रुकती थी, हमारी आंखों से अपना पता पूछती थी, और हम कुछ ना बता पाते थे, उस पल, उनकी मुस्कुराहट इस समय से पार निकल जाती थी।

पर आज………

मेरी खामोश आंखों से बहता पानी एक गीत बयान करता है, इस गीत के अंदर उनके हर खूबसूरत लम्हे की एक आरज़ू बंद है, कभी इन पर नाचते दृश्य मेरे मन को मोहते थे, पर आज यह रुकना नहीं चाहते, ये अंशु सिर्फ बहना चाहते हैं। यह कहना चाहते थे कुछ पर टूट गए, जाने किस घड़ी, किस लम्हे से रूठ गए। तो अब यह तय है कि हम जुड़, ना पाएंगे कभी, साथ बैठकर खा, ना पाएंगे कभी,एक दूसरे की खुशी में खुश होना सीख, ना पाएंगे कभी। अधूरे ही रह जाएंगे हम कहीं ना कहीं ।

इस आत्मा को और नहीं सहना, पर उनकी आंखों के आंसू का कारण हमें नहीं बनना, उम्र भर के लिए ही सही पर यह दर्द सह लेंगे, हम जी लेंगे। यह बहते आंसू दर्द नहीं एक गीत है, क्योंकि उनका जाना कोई हादसा तो नहीं है, वह गए तो गए पर उनकी खूबसूरती हम में रह गई, इन शब्दों के बीच में जो अदृश्य खूबसूरती है, वह उनकी संपदा है, एक घोर अटूट विश्वास है, मानो जो मेरे दिल को टूटने नहीं देता, अलग तो दो अजनबी होते हैं,पर उनका प्यार तो पनपता है, बड़ा होता है और एक दिन एक विशालकाय वृक्ष बनता है, एक अनकही कहानी रह जाता है, जिसको हर कोई सुनाता है।

और कल भी……

आपका इंतजार करते रह जाएंगे यहीं, पर यह तय है कि हम अब ना मिल पाएंगे कभी।

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Yash

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Yash

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